अब बस फरेबियों से वास्ता रह गया है मेरा ग़म कि ज्यादा से कुछ कम रह गया है मेरा कब तलक झूठ पर झूठ बोलोगे तुम..... अब इस दामन में क्या बाक़ी रह गया है मेरा।। #मोहब्बतकाशायर#thoughtsofrdr