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मर्यादा जो समाज में बस औरतों को बताई जाती है क्यों

मर्यादा जो समाज में बस औरतों को बताई जाती है
क्यों नहीं लड़को को उनकी मर्यादा बताई जाती है

है माँ बेटियां हर घर में फिर ये गालियां कहाँ से आती है
 क्यों बलात्कार जैसी घटनाएं समाज में देखी जाती है।
 क्यों मर्यादा कि परिभाषा औरतों को ही समझाई जाती है।

मर्यादा बनाई नहीं पुरुष प्रधान समाज ने लड़कों की
फिर अपने हक़ के लिए बोलती हर बहु गलत बताई जाती है।
 क्यों मर्यादा कि परिभाषा औरतों को ही समझाई जाती है।

औरतों को मौन रहना सिखाकर उनके साथ अभद्रता हर घर में दिखाई जाती है
फिर क्यों सच बोलने पर एक औरत बत्तमीज कहलाती है।
क्यों मर्यादा कि परिभाषा औरतों को ही समझाई जाती है। ❤ प्रतियोगिता- 723

❤आज की कविता प्रतियोगिता के लिए हमारा विषय है  👉🏻🌹"मर्यादा"🌹 

🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य  है I कृप्या 
केवल हिंदी भाषा के शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I 

🌟wallpaper को  contrast करते हुए ध्यान रहे कि ये visible हो।
मर्यादा जो समाज में बस औरतों को बताई जाती है
क्यों नहीं लड़को को उनकी मर्यादा बताई जाती है

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 क्यों मर्यादा कि परिभाषा औरतों को ही समझाई जाती है।

मर्यादा बनाई नहीं पुरुष प्रधान समाज ने लड़कों की
फिर अपने हक़ के लिए बोलती हर बहु गलत बताई जाती है।
 क्यों मर्यादा कि परिभाषा औरतों को ही समझाई जाती है।

औरतों को मौन रहना सिखाकर उनके साथ अभद्रता हर घर में दिखाई जाती है
फिर क्यों सच बोलने पर एक औरत बत्तमीज कहलाती है।
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