मेरी अंखियों का मुक़ाम है दीदार-ए-यार, मैं उनको दें दूँ मेरी जिव्हा का पयाम है, मैं उसको "राधे" का नाम दें दूँ हसरतें जुड़ी राधे से, मैं हर साँस को राधे का नाम दें दूँ तुम कान्हा पुकारती रहो, मैं हर लफ्ज़ राधे के नाम दें दूँ 🧡🍃 "लेखन संगी..." 🍃🧡 ❣️