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हमने चाहा जिसे वो वफ़ा किसी और से निभाते रहे ये सि

हमने चाहा जिसे वो वफ़ा 
किसी और से निभाते रहे
ये सितम भी क्या खूब था 
वो दिल मेरा भी बहलाते रहे 

वो महफिल में चार - चाँद 
अपनी आवाज से लगाते रहे 
ये सितम भी क्या खूब था हम 
तन्हाइयों में खुद को खोते रहे 

ख़ुद ज़फा की हद से गुजर 
बेवफाई का इल्ज़ाम लगाते रहे
ये सितम भी क्या खूब था 
दिल ही दिल में हम टूटते रहे ।।— % & ♥️ Challenge-847 #collabwithकोराकाग़ज़

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हमने चाहा जिसे वो वफ़ा 
किसी और से निभाते रहे
ये सितम भी क्या खूब था 
वो दिल मेरा भी बहलाते रहे 

वो महफिल में चार - चाँद 
अपनी आवाज से लगाते रहे 
ये सितम भी क्या खूब था हम 
तन्हाइयों में खुद को खोते रहे 

ख़ुद ज़फा की हद से गुजर 
बेवफाई का इल्ज़ाम लगाते रहे
ये सितम भी क्या खूब था 
दिल ही दिल में हम टूटते रहे ।।— % & ♥️ Challenge-847 #collabwithकोराकाग़ज़

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swetakumari9595

Sweta

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