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जनवरी पधारी जो,संग लेकर ठंड है। धूम यहाँ मचाई ये ,

जनवरी पधारी जो,संग लेकर ठंड है।
धूम यहाँ मचाई ये ,बढ़ गया घमंड है।।
स्वेटर बंद बैगों से,बाहर निकला सभी।
पजामे क्यों रहें बंदी,झट वे निकले तभी।।

©Bharat Bhushan pathak  hindi poetry poetry quotes love poetry in hindi hindi poetry on life poetry for kids

#अनुष्टुप_छंद
जनवरी पधारी जो,संग लेकर ठंड है।
धूम यहाँ मचाई ये ,बढ़ गया घमंड है।।
स्वेटर बंद बैगों से,बाहर निकला सभी।
पजामे क्यों रहें बंदी,झट वे निकले तभी।।

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#अनुष्टुप_छंद