जबसे तुमने अपने प्रेम की चुनर उढ़ाई है, मन में बजने लगी मिलन की शहनाई है। खुदा का नूर बरसने लगा है अब हम पर, बड़ी मुद्दतों के बाद मुरादों की रात आई है। 🌝प्रतियोगिता- 190🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"शहनाई"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I