प्रेम ना आता कान्हा मुझको, उद्धव सा मुझे सिखाओ ना, हुं मैं सुदामा सा दुखियारा, तुम आओ दौड़े गले लगाओ ना, बैठी गोपियां सारी अकेली, सब संग रास रचाओ ना, राधा खड़ी फिर जमुना किनारे, फिर बंशी ज़रा बजाओ ना, प्रेम ना आता कान्हा मुझको, उद्धव सा मुझे सिखाओ ना, प्रेम सिखाओ कान्हा,