उसे दिलों से खेलने का हुनर था। हमें दिल पर लगी चोटों को झलने का हुनर था। दिल से दिल की नजर से नजर की बात थीं उसे दामन में खुशियों की सौगात , हमारे दामन में गमो की बरसात थीं।।। सहदेव_____ sahdev ojha