इरादा तो नहीं था फ़िर से मायूस होने का कम्बख्त दिल ही तो है बिना बया किए माना ही नही.. मन मे कई अनकही बाते रह गयी.. अल्फाज़ चाहकर भी चाहत बया ना कर सके.. मन की उलझने और उलझती चली गयी.. मन ही है ना... उससे काबू ना कर सके.... इरादा तो नहीं था फ़िर से छुपकर रोने का..... कम्बख्त अश्क़ ही तो है.. बिना छलके माने ही नहीं.. काश बिन कहे तुम भी समझ सकते... जंग भरी दिल की लड़ाई मे.. तुम भी बहक सकते.. पास आकर हाथ पकड़ तुम भी चल सकते.. जिंदगी ही तो है... साथ मिलकर जी लेते... इरादा तो नहीं था..फ़िर से मर कर जीने का. साँसे ही तो है... बिना चले मानी ही नहीं... 😑 ✍️प्रियंका बंसीवाल #love to write