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पतझड़ में बाहर की तरह.... आंख खुली में जो आये वो ख

पतझड़ में बाहर की तरह....
आंख खुली में जो आये वो ख्वाब की तरह....
जो नहीं हो सकता बस ऐसी वो हो गई होगी...
हम ही याद रखते हैं...वो तो अब भूल गई होगी....


उसने क्या जादू चलाया है...
प्यार का किया खेल खिलाया है...
हम समझते थे मोहब्बत.. उसने बस उंगली पे घुमाया है...
अब तक तो कितनों के इशारों पे झूम चुकी होगी...
बस हम ही याद रखते हैं....
वो तो अब भूल चुकी होगी... #minipoem #latenightquotes #poem #hindi #broken
पतझड़ में बाहर की तरह....
आंख खुली में जो आये वो ख्वाब की तरह....
जो नहीं हो सकता बस ऐसी वो हो गई होगी...
हम ही याद रखते हैं...वो तो अब भूल गई होगी....


उसने क्या जादू चलाया है...
प्यार का किया खेल खिलाया है...
हम समझते थे मोहब्बत.. उसने बस उंगली पे घुमाया है...
अब तक तो कितनों के इशारों पे झूम चुकी होगी...
बस हम ही याद रखते हैं....
वो तो अब भूल चुकी होगी... #minipoem #latenightquotes #poem #hindi #broken
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