कुछ मुलाकातें मुकम्मल हो गई, कुछ इंतेज़ार अधूरे रह गए कुछ तन्हाईया मुकम्मल हो गई, कुछ साथ अधूरे रह गए यूँही चलते गए हम ज़िन्दगी की राहों पर बस कुछ मंज़िलें मुकम्मल हो गई और कुछ सफर अधूरे रह गए कुछ खुशियां मुकम्मल हो गई, कुछ दर्द अधूरे रह गए कुछ चोटें मुकम्मल हो गई, कुछ मर्ज़ अधूरे रह गए यूँही सिमटते गए हम ज़िन्दगी की बाहों में बस कुछ नफरतें मुकम्मल हो गई और कुछ रिश्ते अधूरे रह गए कुछ ख्वाहिशें मुकम्मल हो गई, कुछ ख्वाब अधूरे रह गए कुछ कसमें मुकम्मल हो गई, कुछ वादे अधूरे रह गए यूँही लिखते गए हम ज़िन्दगी के पन्नो पर बस कुछ ग़ज़लें मुकम्मल हो गई और कुछ फ़साने अधूरे रह गए ©kaaran #nojoto #nojotohindi #kaaran