तूने मुझे खुदा से दुआओं में ऐसे पाया था, जैसे उस खुदा ने दो किनारों को मिलाया था, और वो हर रात जिसमें रूठकर मैंने करवटें बदली थी, और तुमनें मुझे बाहों में भरकर ऐसे मनाया था, तभी तुमनें मेरे जिस्मों को ही नहीं, मेरे रूहों को भी अपना बनाया था, मेरी दिल-ए-हाल वाली खतें जिसने कभी तेरे घर के हर कोनों को महकाया था, और आज उसी खत ने तेरी ज़िंदगी को कब्रिस्तान बनाया था, हा कभी भी तुम्हे मेरे होठों से ज्यादा मीठे में नहीं था पसंद और ना कभी तुमनें मेरे बिना खाना खाया था, पर तुम्हारे कहने पर ही मैंने तुम्हें अपनी नजरों का जाम तुम्हें पिलाया था , सच में मैंने भी मान लिया कि खुदा ने दो किनारों को मिलाया था।। #love #yad #ekjawab