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तेरा दर छोड़कर मैं जा रहा हूँ अब खुद से ही मैं

तेरा दर  छोड़कर  मैं जा  रहा  हूँ
अब खुद से  ही मैं  टकरा रहा हूँ।

मैं उल्फ़त में उनकी, मुस्कुरा कर
दर्द -ओ- आह  पीता जा रहा हूँ।

इस  पैमाने  में थोड़ा  जाम दे दो
जाम साकी को मैं  पिला रहा हूँ।

अकेला दिख  रहा  हूँ राह में पर
संग  यादों  की तेरे  जा  रहा  हूँ।

मेरे जख्मों का मरहम है नहीं सो
मिले जख्मों को मैं सहला रहा हूँ।

सुधरने  को  गया  था  पास  तेरे
मैं फिर भी  बिगड़ते जा रहा हूँ।

चाँदनी में  खड़ा हूँ 'चाँद' के संग
चाँद को 'चाँद'मैं दिखला रहा हूँ।

'मधु'

©Madhusudan Shrivastava चाँद को चाँद मै दिखला रहा हूँ

#emptystreets
तेरा दर  छोड़कर  मैं जा  रहा  हूँ
अब खुद से  ही मैं  टकरा रहा हूँ।

मैं उल्फ़त में उनकी, मुस्कुरा कर
दर्द -ओ- आह  पीता जा रहा हूँ।

इस  पैमाने  में थोड़ा  जाम दे दो
जाम साकी को मैं  पिला रहा हूँ।

अकेला दिख  रहा  हूँ राह में पर
संग  यादों  की तेरे  जा  रहा  हूँ।

मेरे जख्मों का मरहम है नहीं सो
मिले जख्मों को मैं सहला रहा हूँ।

सुधरने  को  गया  था  पास  तेरे
मैं फिर भी  बिगड़ते जा रहा हूँ।

चाँदनी में  खड़ा हूँ 'चाँद' के संग
चाँद को 'चाँद'मैं दिखला रहा हूँ।

'मधु'

©Madhusudan Shrivastava चाँद को चाँद मै दिखला रहा हूँ

#emptystreets