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तेरे साथ नाता जुड़ा मेरा जब मैं चौथी कक्षा में पढ

तेरे साथ नाता जुड़ा मेरा 
जब मैं चौथी कक्षा में पढ़ती थी। 
आसानी से मीटनेवाली पेंसिल के लकीरों को 
पीछे छोड़ तुझसे जैसे पत्थर 
की लकीरें खींचने लगे हम।
तब कहां पता चला के 
एक दिन तेरे ही सहारे न जाने 
कितने अनकही बातों को 
सफेद पन्नो में दफनाना होगा, ...

पूरी पत्र अनुशीर्षक में पढ़े। तेरे साथ नाता जुड़ा मेरा जब मैं चौथी कक्षा में पढ़ती थी। आसानी से मीटनेवाली पेंसिल के लकीरों को पीछे छोड़ तुझसे जैसे पत्थर की लकीरें खींचने लगे हम। तब कहां पता चला के एक दिन तेरे ही सहारे न जाने कितने अनकही बातों को सफेद पन्नो में दफनाना होगा, कितने खुशियों को तेरे ही सियाही में भिगोके समेटना होगा। कितने दर्द को तेरे हलक से हो कर किसी बेरंग डायरी में छुपाना होगा, कितने एहसासों को शब्दो के माला में तुझिसे पिरो के संजोना होगा। न जाने तेरी पहौंच और कहां कहां तक होगी। कभी कविता से होकर किसी आशिक के दिल में, या कभी किसी हारे हुए के मन में कुछ हौसले बुलंद कर ने के लिए चुने गए अल्फाजों के जरिए। कभी उपन्यास की तरह तो कभी प्रबंध की तरह। बस हर बार तेरा सीना चीर कर ही मुकम्मल हर संलाप होगा।
ए कलम तेरा किस्मत को देख हर कोई हैरान है। जो कहीं कभी था ही नही वो कहानी भी बस तेरी ही देन है।
पत्रांत में
तेरी दीवानी कोई

#kajori_thephoenix
#yolewrimo के पहले दिन, पहला पत्र लिखें #क़लम के नाम।
#collab  #YourQuoteAndMine
तेरे साथ नाता जुड़ा मेरा 
जब मैं चौथी कक्षा में पढ़ती थी। 
आसानी से मीटनेवाली पेंसिल के लकीरों को 
पीछे छोड़ तुझसे जैसे पत्थर 
की लकीरें खींचने लगे हम।
तब कहां पता चला के 
एक दिन तेरे ही सहारे न जाने 
कितने अनकही बातों को 
सफेद पन्नो में दफनाना होगा, ...

पूरी पत्र अनुशीर्षक में पढ़े। तेरे साथ नाता जुड़ा मेरा जब मैं चौथी कक्षा में पढ़ती थी। आसानी से मीटनेवाली पेंसिल के लकीरों को पीछे छोड़ तुझसे जैसे पत्थर की लकीरें खींचने लगे हम। तब कहां पता चला के एक दिन तेरे ही सहारे न जाने कितने अनकही बातों को सफेद पन्नो में दफनाना होगा, कितने खुशियों को तेरे ही सियाही में भिगोके समेटना होगा। कितने दर्द को तेरे हलक से हो कर किसी बेरंग डायरी में छुपाना होगा, कितने एहसासों को शब्दो के माला में तुझिसे पिरो के संजोना होगा। न जाने तेरी पहौंच और कहां कहां तक होगी। कभी कविता से होकर किसी आशिक के दिल में, या कभी किसी हारे हुए के मन में कुछ हौसले बुलंद कर ने के लिए चुने गए अल्फाजों के जरिए। कभी उपन्यास की तरह तो कभी प्रबंध की तरह। बस हर बार तेरा सीना चीर कर ही मुकम्मल हर संलाप होगा।
ए कलम तेरा किस्मत को देख हर कोई हैरान है। जो कहीं कभी था ही नही वो कहानी भी बस तेरी ही देन है।
पत्रांत में
तेरी दीवानी कोई

#kajori_thephoenix
#yolewrimo के पहले दिन, पहला पत्र लिखें #क़लम के नाम।
#collab  #YourQuoteAndMine

तेरे साथ नाता जुड़ा मेरा जब मैं चौथी कक्षा में पढ़ती थी। आसानी से मीटनेवाली पेंसिल के लकीरों को पीछे छोड़ तुझसे जैसे पत्थर की लकीरें खींचने लगे हम। तब कहां पता चला के एक दिन तेरे ही सहारे न जाने कितने अनकही बातों को सफेद पन्नो में दफनाना होगा, कितने खुशियों को तेरे ही सियाही में भिगोके समेटना होगा। कितने दर्द को तेरे हलक से हो कर किसी बेरंग डायरी में छुपाना होगा, कितने एहसासों को शब्दो के माला में तुझिसे पिरो के संजोना होगा। न जाने तेरी पहौंच और कहां कहां तक होगी। कभी कविता से होकर किसी आशिक के दिल में, या कभी किसी हारे हुए के मन में कुछ हौसले बुलंद कर ने के लिए चुने गए अल्फाजों के जरिए। कभी उपन्यास की तरह तो कभी प्रबंध की तरह। बस हर बार तेरा सीना चीर कर ही मुकम्मल हर संलाप होगा। ए कलम तेरा किस्मत को देख हर कोई हैरान है। जो कहीं कभी था ही नही वो कहानी भी बस तेरी ही देन है। पत्रांत में तेरी दीवानी कोई kajori_thephoenix yolewrimo के पहले दिन, पहला पत्र लिखें क़लम के नाम। collab YourQuoteAndMine