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आप ही शीघ्र वरदान देते हो, इसलिए आप आशुतोष हो। शं

आप ही शीघ्र वरदान देते हो, इसलिए आप आशुतोष हो। शं अर्थात कल्याण करते हो, इसलिए आप शंकर हो। मनुष्यों की रक्षा के लिए विषपान किया; जिससे आपका कंठ नीला पड़ गया तब से आप नीलकंठ हो गए।
इसलिए आपसे विनम्र निवेदन है कि सृष्टि का कल्याण कीजिए और मेरे पापों का संहार कर सद्बुद्धि प्रदान कीजिए।
जय शिव शम्भू पावन सावन के शुभारंभ पर #yolewrimo में आज #शिवशंभू को एक पत्र लिखें।
#letters  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
आप ही शीघ्र वरदान देते हो, इसलिए आप आशुतोष हो। शं अर्थात कल्याण करते हो, इसलिए आप शंकर हो। मनुष्यों की रक्षा के लिए विषपान किया; जिससे आपका कंठ नीला पड़ गया तब से आप नीलकंठ हो गए।
इसलिए आपसे विनम्र निवेदन है कि सृष्टि का कल्याण कीजिए और मेरे पापों का संहार कर सद्बुद्धि प्रदान कीजिए।
जय शिव शम्भू पावन सावन के शुभारंभ पर #yolewrimo में आज #शिवशंभू को एक पत्र लिखें।
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