नफरतो की आग में सब कुछ जलाया जा रहा है मै सुनता हूँ लोकतंत्र बचाया जा रहा है चौराहो पर हत्या होती,घरों से तेजाब बहाया जा रहा है नन्हे बच्चों का बचपन मरता,सियासत का हर रंग दिखाया जा रहा है तस्वीरे है गाँधी की और हाथ मे खंजर नफरत का आज़ादी के नाम और लहू बहाया जा रहा है मैं सुनता हूँ लोकतंत्र बचाया जा रहा है बूढ़ी आंखों की ममता रोती, न जाने क्यों मानवता सोती हम अपनो को ही मार रहे है इस नफरत की आंधी में क्या यही विरासत छोडी है भगत सिंह और गांधी ने हम क्यों अपने घर मे ये सोले भड़का रहे है सिर्फ सियासी मतलब के लिए ये सबकुछ करवाया जा रहा है मैं सुनता बारूदों से लोकतंत्र बचाया जा रहा है #plz stop violence #stop violence