संजो लो सादगी को दिल में मुश्किल से मिली ये सौगाते होती है कहाँ मिलते हैं फिर लोग बिछड़ कर फोन पर तो सिर्फ़ बाते होती हैं उलझन में कट जाता है दिन बेचारा बेबस सारी रातें होती हैं संजो लो इस सादगी को दिल में.. कही धूप तो कही छाँव जिंदगी है कम्बख्त बेमौसम बरसाते होती है साथ रहकर भी साया साथ नहीं रहता न जाने आजकल कैसी मुलाकाते होती हैं गमो के दौर में गुजरा तन्हा अकेला खुशियों संग बारातें होती हैं संजो लो सादगी को दिल में.. #सादगी #nojoto @technocratsanam