समय रुक गया हैं, कायनात का भी ठहर जाना हुआ मन के गलियारों में अब भी उसका आना जाना हुआ खतावार मैं खुद ही का हूँ, शह मेरी ही थी हर बार उसे खामखां उसका रूठना, फिर बेवजह मेरा मनाना हुआ कभी मौका ही नहीं दिया तुमने, मशगूल खुद में ही रहें ये हाल ए दिल मेरा, कहाँ कभी तुमको समझाना हुआ कद्र कर लेते मुहब्बत की अगर, आसमां झुका देता मैं अफ़सोस की तेरे लिए , मेरा इश्क़ भी अफसाना हुआ खैर, अब दूर ही रहों मुझसे तो बेहतर है दोनों के लिए सच कहूं तो तुमको भूले हुए, मुझको एक जमाना हुआ #napowrimo का आज आठवाँ दिन है। कभी कभी ऐसा लगता है जैसे #समयरुकगया है लेकिन होता हमारा भ्रम है। #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #अनकहेअल्फ़ाज़ #yqlove #yqlovetales #yqbaba #yqlovequotes