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कितने फ़िज़ूल थे वो बहाने, वो दलीलें, जिनसे तुम्हा

कितने फ़िज़ूल थे वो बहाने, वो दलीलें,
जिनसे तुम्हारे न होने पर भी तुम्हारा एहसास होता था,
तनहाई कुछ इस तरह बिखरी होती थी,
केवल मै ही खुद के पास होता था। #justthought #love#emotional#feelings#hindi
कितने फ़िज़ूल थे वो बहाने, वो दलीलें,
जिनसे तुम्हारे न होने पर भी तुम्हारा एहसास होता था,
तनहाई कुछ इस तरह बिखरी होती थी,
केवल मै ही खुद के पास होता था। #justthought #love#emotional#feelings#hindi