"थोड़े नासमझ, थोड़े नादान ही तो हैं," गलती करे तो प्यार से समझाओ नादानी में उसकी खुद भी मुस्कुराओ थोड़े नासमझ थोड़े नादान ही तो हैं मत कैद करो इन्हे ये भी इंसान ही तो हैं चाहती हैं ये भी अपने सपनो को पंख देना क्यों रोके हो इन्हे चाहती हैं ये भी कुछ कर दिखाना देना ही हैं तो इनके सपनो को उड़ान दो ये भी हक़दार हैं आपका बेटो की तरह इन्हे भी सम्मान दो थोड़े नासमझ थोड़े नादान