तुम्हारा हाथ चूमकर जो सुकूँ मिलता था वो सुकूँ चूमने में तेरी तस्वीर कहाँ खामखाँ तेरे लौट आने की उम्मीद करता हूँ जानता हूँ तुझे पा सकूँ ऐसी मेरी तकदीर कहाँ अब प्यार तो ठेहरा तुम बड़े लोगों के लिए दिल बहलाने की चीज़ मैं इसे खरीद सकू इतना मैं अमीर कहाँ कौन पूछे इस ज़माने में मुझ जैसे दीवानों को वो खुश है बेखबर इस खबर से कोई उसके बिना बैठा है आज भी दिलगीर यहाँ ©saru writes #saru #saru_writes