असर बहुत हे तेरी चाहतों में लगता है, गुमसुम बहुत थे आज चहकने लगे है। लड़खड़ाते थे कभी सीधी जमी पर भी, आज हौसलों के पहाड़ चढ़ने लगें है।। इश्किया जादू#