पंख पसार आसमान में उड़ जाऊँ,ऐसी तितलियों सी जिंदगी चाहिये, न रखूं मन मे कोई बैर किसी के प्रति,ऐसी खूबसूरत सी सोच चाहिये, तोड़ इन बेड़ियों के बन्धनों को स-सम्मान स्वतंत्र सम जीवन चाहिये, नेक आचार व्यवहार सहयोग भरा मनस्विता सी मानसिकता चाहिये, मिला जुला कर जो अपनत्व की भाव भरे हो ऐसी अनुभूति चाहिये, चाह कर भी प्रगल्भ अमर्ष न आये ऐसी सादगी भावानुभूति चाहिये। A challenge by Collab Zone🌟 तितलियों सी जिंदगी - तितली जैसा जीवन ✔️समय - 11 मार्च शाम 5 बजे तक ✔️ 4-6 पंक्तीयो में ही रचना लिखनी है ।