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लक्ष्मी अगर पास हैं तो समझो कृपा है बरसी जरूरत स


लक्ष्मी अगर पास हैं तो 
समझो कृपा है बरसी
जरूरत से ज्यादा अधिक धन 
संचय करने से कोई नहीं फ़ायदा
क्योंकि मुठ्ठी बांध आए थे 
हाथ पसार के है जाना
इसलिए कभी कभी जरूरत पड़े 
तो धन अपने अपनों और 
गरीबों पर करना है खर्च 
ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती।। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_280 

👉 ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती लोकोक्ति का अर्थ ---- अधिक कंजूसी से काम नहीं चलता। 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ दो लेखकों की रचनाएँ फ़ीचर होंगी।

लक्ष्मी अगर पास हैं तो 
समझो कृपा है बरसी
जरूरत से ज्यादा अधिक धन 
संचय करने से कोई नहीं फ़ायदा
क्योंकि मुठ्ठी बांध आए थे 
हाथ पसार के है जाना
इसलिए कभी कभी जरूरत पड़े 
तो धन अपने अपनों और 
गरीबों पर करना है खर्च 
ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती।। ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_280 

👉 ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती लोकोक्ति का अर्थ ---- अधिक कंजूसी से काम नहीं चलता। 

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