White भरी भीण में तनहाई , महफ़िल में भी रूसवाई।। तनहा हुवे तो कोई नहीं, सिर्फ यादें तेरी तणपाई।। कुलाछ भरती वो कमसिन , कहा चली गयी नहीं आई।। याद उसी की आती है , जब जब चलती है पुरवाई ।। तणप रहा हूं मै दिन राती, हाय!मेरी उसे याद न आई।। ©Jitendra Singh ##जितेन्द्रसिंहविकल