हंसते खेलते वाली शाम नहीं आएगी कागज की जहाजों वाली उड़ान नही आएगी बचपन में जितना मुस्काना है मुस्कुरा लो लौटकर बचपन वाली फिर मुस्काना नहीं आएगी ©Ghanshyam kumar mushkan हंसते खेलते वाली शाम नहीं आएगी कागज की जहाजों वाली उड़ान नही आएगी बचपन में जितना मुस्काना है मुस्कुरा लो लौटकर बचपन वाली फिर मुस्काना नहीं आएगी