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मुद्दत बाद मिला वो मुझसे, मेरे हालातों पे हँसता रह

मुद्दत बाद मिला वो मुझसे,
मेरे हालातों पे हँसता रहा..!
किस दौर में जी रहा है कह कर,
तरह तरह की फ़ब्तियाँ कसता रहा..!
कोई अपना नहीं सब साँप हैं आस्तीन के,
हर लफ्ज़ उसका ज़हन को डसता रहा..!

©SHIVA KANT(Shayar)
  #WoRaat #muddatbad