ख़त्म न होगा कभी निकाल कर न देगा, पिटारे से कोई यहाँ ख़ुशी की कैपसूल नज़र बदल अपनी ज़माने के हिसाब से न कर टूटकर कभी चाहे काम या इश्क़ खुद के खातिर तू थोड़ा विश्राम भी ले जिम्मेदारियों के साथ अपनें से प्यार कर ♥️ Challenge-801 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।