Jai Shri Ram जग में जब ये रिपु नाश करें, तब ही रिपुसूदन नाम धरो। धरिणी धर शीश सदा रहते, अवतारण शेष सकाम करो। जग पालक भद्र रखे पदत्राण सिंहासन ही सुखधाम भरो। सुर,शंकर,सन्त,व्रती प्रिय, दास गणेश व्यथा प्रभु राम हरो। ©गणेश शर्मा 'विद्यार्थी' #jaishriram कविता हिंदी कविता कविताएं कविता कोश #kavya #kavita #hindipoetry #hindi_poetry #HindiPoem #hindikavita