तुम मांस-हीन, तुम रक्तहीन, हे अस्थि -शेष! तुम अस्थिहीन, तुम शुद्ध - बुद्ध आत्मा केवल, हे चिर पुराण, हे चिर नवीन! #बापू ©Vikas Jha #बापू #महात्मा #महात्माजी #GandhiJayanti2020