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खिलौना हूँ मै, मन बेहला तो देती हूँ,, मन को भाती न

खिलौना हूँ मै, मन बेहला तो देती हूँ,, मन को भाती नहीं हूं,,,मै अक्सर तन्हाई मे लोगो के पास मिलती हूँ और,, उसके बाद स्टोर रूम में कही किसी कोने मे,,, वो सर्कस का बंदर हूं मै,, जो अपनी नादानी से सबके चेहरे पर मुस्कान तो ले आता है,, लेकिन लोग आज भी उसके करीब जाने से डरते है, वो बारिश हूँ मै जो पहले दिन ही अच्छी लगती है,,,, एक ऐसा एहसास हूँ मै,, जिसे लोग समझते तो है, महसूस नी करते,,, मै वो हु जो सायद ना होती तो बेहतर होता #yeahitsme
खिलौना हूँ मै, मन बेहला तो देती हूँ,, मन को भाती नहीं हूं,,,मै अक्सर तन्हाई मे लोगो के पास मिलती हूँ और,, उसके बाद स्टोर रूम में कही किसी कोने मे,,, वो सर्कस का बंदर हूं मै,, जो अपनी नादानी से सबके चेहरे पर मुस्कान तो ले आता है,, लेकिन लोग आज भी उसके करीब जाने से डरते है, वो बारिश हूँ मै जो पहले दिन ही अच्छी लगती है,,,, एक ऐसा एहसास हूँ मै,, जिसे लोग समझते तो है, महसूस नी करते,,, मै वो हु जो सायद ना होती तो बेहतर होता #yeahitsme