Unsplash लिखने को बहुत कूछ बाकी है सोचने के लिये बहुत कूछ बाकी है कोई पढे या ना पढे पुरी जिंदगी में आगे जाना और जिंदगी जीना अभी बाकी है balkrushna raut deori ©Bablukumar Raut #Book मेरी डायरी