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कोई कुछ भी कहे तुम जीवन, अपनी मर्ज़ी से जियो..! एक

 कोई कुछ भी कहे तुम जीवन,
अपनी मर्ज़ी से जियो..!
एक ही बार तो मिलता है ये,
फिर क्यूँ तुम दुनियाँ से डरो..!
करो वही काम जो,
तुम्हारा दिल चाहता है..!
किसी और के कहने में,
तू क्यूँ आता है..!
ये तो दुनियाँ का काम है,
पीठ पीछे गाली और मुँह पर सलाम है..!
कोई कुछ भी कहे,
अपने लक्ष्य से न भटकना है..!
सफल होकर शत्रुओ की,
आँखों में खटकना है..!
कोई कुछ भी कहे तू चलता जा,
किसी और को खलता है तो खलता जा ..!

©SHIVA KANT
  #koikuchbhikahe