तिजोरियों में भर रहा है सोना देश का ..और आँखों में देखिए रोना देश का खुद को कहता था चौकीदार वतन का खुद ही बेच रहा है कोना कोना देश का तरक्क़ी टीका-सिंदूर, नींबू-मिर्च में उलझी है भला कितना करेगा जादू -टोना देश का अवाम चुप है और गफ़लत में हाकिम है महंगा पड़ेगा गहरी नींद में सोना देश का!! -मोहम्मद मुमताज़ हसन- #ग़ज़ल#जागो वतन वालों