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गर प्रेम हो, तो रुकना मत.... कह देना। जो मन को भाए

गर प्रेम हो,
तो रुकना मत.... कह देना।
जो मन को भाए, तुम्हें अपनाए 
खोना मत... सदा सहेजना।


बहती नदिया... प्रेम,
अगल बगल हम दो किनारे हैं।
जो सूखने लगे कभी बीच का पानी
रोकना मत.....जाने देना।

©Akarsh Mishra mood
गर प्रेम हो,
तो रुकना मत.... कह देना।
जो मन को भाए, तुम्हें अपनाए 
खोना मत... सदा सहेजना।


बहती नदिया... प्रेम,
अगल बगल हम दो किनारे हैं।
जो सूखने लगे कभी बीच का पानी
रोकना मत.....जाने देना।

©Akarsh Mishra mood