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🌿🌺🌿🌺🌿🌺🌿🌺 *जहाँ अपनो की याद न आए वो तन्हाई

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*जहाँ अपनो की याद न आए वो तन्हाई किस काम की,*
    *बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई किस काम की,*
    *बेशक अपनी मंज़िल तक जाना  है,* 
    *पर  जहाँ से अपने ना दिखे*
 *वो ऊंचाई  किस  काम  की..*         
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©Mastraj Gond हमारी खोवाइस तुम हो
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*जहाँ अपनो की याद न आए वो तन्हाई किस काम की,*
    *बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई किस काम की,*
    *बेशक अपनी मंज़िल तक जाना  है,* 
    *पर  जहाँ से अपने ना दिखे*
 *वो ऊंचाई  किस  काम  की..*         
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©Mastraj Gond हमारी खोवाइस तुम हो
mastrajgond3477

Mastraj Gond

New Creator

हमारी खोवाइस तुम हो #Shayari