शिकायत क्या करूँ दोनों तरफ ग़म का फसाना है, 🌼
मेरे आगे मोहब्बत है तेरे आगे ज़माना है। 🥺🤐🤐🙂
देखकर तुमको अक्सर हमें ये एहसास होता है, 🙌
कभी कभी ग़म देने वाला भी कितना ख़ास होता है। 🙈👌🙈👌
कब तक पियें यह ज़हर-ए-ग़म ऐ साकिए-हयात, ☀️
घबरा गये हैं अब तेरी दरियादिली से हम। 🌷🤐💐🙃
इलाही उनके हिस्से का भी ग़म मुझको अता कर दे, 😎
कि उन मासूम आँखों में नमी देखी नहीं जाती। 🙂🌥☀️😎 #सस्पेंस