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जीवन मे अपराजय आशा का स्वर ज़ब निराशा के सिंधु को

जीवन मे अपराजय 
आशा का स्वर ज़ब 
निराशा के सिंधु को  
मथने लगता  है 
तब अंतरतम झंकृत  हो
जाता है
और सोच तथा दृष्टि.
को विधायकता
मिलने लगती है

©Arora PR
   अंतरतम
arorapr7519

Arora PR

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अंतरतम #कविता

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