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आज सुबह से कोई नई नज़्म या कविता जेहन में आई ही नही

आज सुबह से
कोई नई नज़्म या कविता
जेहन में आई ही नहीं
आज सुबह ख़्वाब में माँ आई है
वैसे ही अपने बिस्तर पे बैठी हुई
सुबह की चाय के साथ
सबों का हालचाल पूछती हुई
तभी मेरे बेटे ने
अम्मा की गोद में छुपते हुए कहा
अम्मा मुझे भी चाय चाहिए
मैंने अपने बेटे को डाँटा
और अम्मा ने मुझे डाँटते हुए कहा
दे दो थोड़ी सी इसे भी
नौ वर्ष हो गए, मैं सोचता था
अम्मा ने मेरे बेटे को कभी देखा ही नहीं
फिर माँ ने पूछा पापा ठीक से तो रहते हैं ना
उनको अकेला तो नहीं छोड़ते हो कभी
मैंने कहा, नहीं जब कोई नहीं होता
तो मैं होता हूँ और मैं उन्हें अकेला नहीं छोड़ता
लेकिन, जब कोई और होता है तो फिर...,
फिर, फिर क्या? अम्मा ने सर पर हाथ रखकर पूछा
कुछ नहीं, फिर मेरी जरुरत नहीं होती
नहीं नहीं, उनको अकेला नहीं रहना चाहिए
मत छोड़ा करो उन्हें अकेले में....,
नींद खुल गई, ये ख़्वाब था या कोई संदेश
ये क्या था अम्मा??  #अम्मास्मृतिशेष #ख़्वाब #yqbaba #yqdidi
आज सुबह से
कोई नई नज़्म या कविता
जेहन में आई ही नहीं
आज सुबह ख़्वाब में माँ आई है
वैसे ही अपने बिस्तर पे बैठी हुई
सुबह की चाय के साथ
सबों का हालचाल पूछती हुई
तभी मेरे बेटे ने
अम्मा की गोद में छुपते हुए कहा
अम्मा मुझे भी चाय चाहिए
मैंने अपने बेटे को डाँटा
और अम्मा ने मुझे डाँटते हुए कहा
दे दो थोड़ी सी इसे भी
नौ वर्ष हो गए, मैं सोचता था
अम्मा ने मेरे बेटे को कभी देखा ही नहीं
फिर माँ ने पूछा पापा ठीक से तो रहते हैं ना
उनको अकेला तो नहीं छोड़ते हो कभी
मैंने कहा, नहीं जब कोई नहीं होता
तो मैं होता हूँ और मैं उन्हें अकेला नहीं छोड़ता
लेकिन, जब कोई और होता है तो फिर...,
फिर, फिर क्या? अम्मा ने सर पर हाथ रखकर पूछा
कुछ नहीं, फिर मेरी जरुरत नहीं होती
नहीं नहीं, उनको अकेला नहीं रहना चाहिए
मत छोड़ा करो उन्हें अकेले में....,
नींद खुल गई, ये ख़्वाब था या कोई संदेश
ये क्या था अम्मा??  #अम्मास्मृतिशेष #ख़्वाब #yqbaba #yqdidi