खुदा बना बैठे थे तुम्हे, सारा कुसूर हमारा था। असलियत देख न पाया,छाया सूरूर तुम्हारा था।। अब अपनी नासमझी का इल्ज़ाम किस पर लगा दे। शहद समझा था जिसको,वो समंदर सा खारा था।। Pawan M yadav 29-oct-2019 #incompletestory by #pawanmyadav