इश्क एक कैद है उम्मीदों पर जी लीजिए मयख़ाने कम पड़ने लगे बंद आँखों से पी लीजिए यहाँ-वहाँ से छलक रहा तेरा दर्द है या है सुरा दुनिया शायरी समझ रही अपने जख़्मों को सी लीजिए वो गाँठ किस काम की जो पंखों को मेरे बाँध दे आसमाँ में न सही अपने दायरों में ही उड़ लीजिए... © abhishek trehan #इश्क़ #कैद #रिहाई #दायरे #manawoawaratha #yqdidi #asetheticthoughts #restzone