यादो की दुनिया में तेरे कुछ ख्वाब गुम है मेरे ढूँढता हू मैं उन्हें बैठ कहीं अकेले तेरी याद आती है इक बरसात होती हैं सब कुछ हैं पर तू ना साथ होती हैं दुनिया भर के मेले हैं फिर भी हम अकेले है परछाइयाँ भी मेरी अपनी अब साथ छोड़ जाती हैं अंधेरे मे छोड़ कर रोशनी में लौट आती हैं तू तो बस इक सपना था सपना तो टूट ही जाता है दर्द के मौसम कितने है झेले सोचता हू कभी बैठ अकेले चेहरे पे तेरे वफा का जो आईना था अब तस्वीर उसमे किसी गैर की हैं तन्हा छोड़ के तूने जिंदगी जहर की हैं जज़्बातों से तूने क्यू मेरे खेले कभी सोचता हू बैठ अकेले तुझसे वफा का बोझ ना उठा की तेरी बेवफाई मे ही हू मैं लुटा हस्ता है दिल मेरा मगर अंदर से कितना टूटा है। अब तो मेरा रब भी मुझसे रूठा हैं तुझे ना बुलाए हम भले ही सिसक कर रोले सोचता हू बैठ अकेले #mylove #mythoughts #poem #qoutes #ideas #stories