शाम के वक्त सहर हो जाए । गैर मुमकिन है मगर हो जाए। एक दुआ करना बिछड़ने वाले । जिन्दगी मुझसे बसर हो जाए। मो. बेलाल सारणी #बेलाल_की_शायरी