अन्याय मज़लूम भी कहलाता हूँ ज़ालिम भी कहलाता हूँ हक़ के लिए बोलू तो ग़द्दार कहलाता हूँ हालात देख के पशु भी तरस खाए अपनी दर्द बयां करू तो धर्म देखते हैं! ©Md Wazaifa Kamal अन्याय मज़लूम भी कहलाता हूँ ज़ालिम भी कहलाता हूँ हक़ के लिए बोलू तो ग़द्दार कहलाता हूँ हालात देख के पशु भी तरस खाए अपनी दर्द बयां करू तो धर्म देखते हैं! #shayri