वो जो आंचल उनका लहरा रहा था , हमें थी क्या खबर दर्द हमें हस के बुला रहा था, था आंख मूंदे चल दिया ये दिल उसी डगर, जिन राह से ता उम्र ज़ख्मी बचता आ रहा था । ©MK Zakhmi जिन राह से ता उम्र ज़ख्मी बचता आ रहा था ।