जो आप हमराही बन जाए तो, भूल मेरी भूल गर फिर मिलें तो, मीलों साथ पत्थर नाप पाते तो, उम्रभर का इत्मिनान ले आते जो। सुप्रभात। उम्मीदें खिल जाएंगी मंज़िलें मिल जाएंगी... -------- जो आप हमराही बन चलें तो, भूल मेरी भूल गर फिर मिलें तो, मीलों साथ पत्थर नाप पाते तो, उम्रभर का इत्मिनान ले आते जो।