चुभने सें पहले दर्द होगा कितना, यह बात कील समझती है है समुद्र की रवानी कैसी, यह बात हर झील समझती है काश इश्क हो तो किसी कवित्री से हो जो हर दर्द और फील समझती है ©Ajay verman कवित्री