रिश्तें और आशाएँ कोई आस है तो हम है हम हैं तो रिश्ते है रिश्तों की ये आस हमें ज़िंदा रखती है वरना मौत पाने की हद तक गमो की चक्की में रोज पिस्ते हैं अपनों की तलाश हमें ज़िंदा रखती हैं आशाएं रिश्तों की मरने नहीं देती वरना मौत को गले लगाने की तरकीब हम भी बहुत सोचते है अपनों की दुआओ की डोर अब हमे जिंदा रखती हैं आशाएं रिश्तों की