#OpenPoetry नम्र जैसे दिल को हमने पत्थर बना दिया, इस शरीर की भूखी दुनिया को अपना मुकद्दर बना लिया, जहा घर की बहू बेटियों के भी शिकार होने लगे है, दिल के सारे अरमान चकनाचूर होने लगे हैं, फूल सी बच्ची का बचपन छीन कर वो मजे कर रहे है, एक शिक्षक ,डॉक्टर बनने वाली के सपने आज मिट्टी में मिल रहे है, कब बदलेगी ये घिनौनी सोच समझ नहीं आता, करता एक देखते 100 है पर मदद के लिए कोई नहीं आता, बचपन में सबने एक कहानी तो जरूर सुनी होगी पांच लाठी एक हो जाये तो उसे एकता कहते है, आज वो एकता सिर्फ सोशल नेटवर्किंग ऍप में ग्रुप बनाने में दिखाई जाती हैं, पर लड़की का रैप हो जाये तो समाज से न अपनायी जाती है, जानवर से बत्तर है वह लोग जो नारी जाती का बलात्कार करते है , ख़राब करके हमारी ज़िंदगी खुद घर पर आराम करते है, कब जागेगा समाज कब जागेगी सरकार, कब मिलेगा नारी को सम्मान और कब बंद होंगे इन जालिमो के गन्दी सोच के द्वार! #OpenPoetry #womenrespect #lovequotes #nojotohindi #openmicpoem ##poetry #emotional #painfulpoem #kavitahindi