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नीच हो रही है आदम की नस्ल दिनों दिन आज कल, और क्रू

नीच हो रही है आदम की नस्ल दिनों दिन आज कल,
और क्रूरता का इनकी हैं निरीह प्राण नित भोगें फल!
नर की ये किस्में अब सच में इस भू के उपयुक्त नहीं,
इसीलिए अब अंत को इनके स्वयं प्रकृति प्रतिबद्ध हुई।।
- स्वरांजलि 'सावन'
इस दृश्य को देखकर मानवता पुनः शर्मसार हुई है। मन के भीतर कुछ टूटा और कहीं गहरे चुभ गया! इस परिदृश्य को देखकर लगता है कि अच्छा ही हुआ जो हर ओर से माँ प्रकृति नर संहार में रत है। हमारी सर्वश्रेष्ठ कही जाने वाली नस्ल वास्तव में सबसे निकृष्ट है! हम जिस भूमि पर बसे उसका अतिक्रमण करते गए और अब तो हमारी नीचता‌ की जाने कौन सी सीमा शेष रह गयी है। हमें क्षमा मत करना माँ इन अपराधों के लिए क्योंकि कदाचित् हम इस योग्य ही नहीं! हम इतने स्वार्थी इतने आत्महीन, विवेकहीन हो चुके हैं कि हमारा अंत हो जाना ही सबसे उपयुक्त है इस सृष्टि के लिए!😡😡😡 #RIPHUMANITY 
नीच हो रही है आदम की नस्ल दिनों दिन आज कल,
और क्रूरता का इनकी हैं निरीह प्राण नित भोगें फल!
नर की ये किस्में अब सच में इस भू के उपयुक्त नहीं,
इसीलिए अब अंत को इनके स्वयं प्रकृति प्रतिबद्ध हुई।।
- स्वरांजलि 'सावन'
इस दृश्य को देखकर मानवता पुनः शर्मसार हुई है। मन के भीतर कुछ टूटा और कहीं गहरे चुभ गया! इस परिदृश्य को देखकर लगता है कि अच्छा ही हुआ जो हर ओर से माँ प्रकृति नर संहार में रत है। हमारी सर्वश्रेष्ठ कही जाने वाली नस्ल वास्तव में सबसे निकृष्ट है! हम जिस भूमि पर बसे उसका अतिक्रमण करते गए और अब तो हमारी नीचता‌ की जाने कौन सी सीमा शेष रह गयी है। हमें क्षमा मत करना माँ इन अपराधों के लिए क्योंकि कदाचित् हम इस योग्य ही नहीं! हम इतने स्वार्थी इतने आत्महीन, विवेकहीन हो चुके हैं कि हमारा अंत हो जाना ही सबसे उपयुक्त है इस सृष्टि के लिए!😡😡😡
#inhumanity #Nojoto #nojotohindi
नीच हो रही है आदम की नस्ल दिनों दिन आज कल,
और क्रूरता का इनकी हैं निरीह प्राण नित भोगें फल!
नर की ये किस्में अब सच में इस भू के उपयुक्त नहीं,
इसीलिए अब अंत को इनके स्वयं प्रकृति प्रतिबद्ध हुई।।
- स्वरांजलि 'सावन'
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और क्रूरता का इनकी हैं निरीह प्राण नित भोगें फल!
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इसीलिए अब अंत को इनके स्वयं प्रकृति प्रतिबद्ध हुई।।
- स्वरांजलि 'सावन'
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